Hindi Kahani : Samkalin Drishti — by Balraj Sihmar (साथ ही Anita Sihmar) — एक समकालीन आलोचनात्मक अध्याय है जो हिन्दी कहानी विधा के आधुनिक समय-परिप्रेक्ष्य और पाठ्यक्रम-आधारित अध्ययन के लिए लिखा गया है।
इस पुस्तक का उद्देश्य हिन्दी कहानी को “समकालीन दृष्टि” से समझने और व्याख्यायित करने का है। लेखक ने अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि और अनुभवों के आधार पर उन प्रवृत्तियों, लेखन शैलियों, सामाजिक-सांस्कृतिक बदलावों और कहानी के बदलते स्वरूपों पर विश्लेषण प्रस्तुत किया है.
पुस्तक न सिर्फ कहानी के निर्माण-परिचय, बल्कि उसकी ऐतिहासिक प्रगति, विचारधाराओं में आये बदलाव, और आधुनिक पाठक-प्रतिभूति (reader sensibilities) को ध्यान में रखते हुए कहानी के महत्व और भूमिका पर भी प्रकाश डालती है। समकालीन हिन्दी कहानी में “यथार्थवाद”, “नए प्रयोग”, “मनुष्य और समाज की जटिलताएँ” — जैसे आयामों की विवेचना पुस्तक में की गई है।
इसके अलावा, यह ग्रंथ उन छात्रों, शोधार्थियों और सामान्य पाठकों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है, जो हिन्दी कहानी के साहित्यिक विकास को समझना चाहते हैं — खासकर उन पाठकों के लिए जो पाठ्य-पुस्तक या अकादमिक अध्ययन के रूप में हिन्दी कहानी से परिचित हो रहे हैं।
कुल मिलाकर, “Hindi Kahani : Samkalin Drishti” हिन्दी कहानी-साहित्य की समकालीन दिशा, उसकी चुनौतियाँ, संभावनाएँ और बदलती दुनिया में उसकी प्रासंगिकता पर एक सशक्त और सोचनीय आलोचनात्मक अवलोकन प्रस्तुत करती है।
हिंदी कहानी: समकालीन दृष्टि
Price :240
Page:156
ISBN: 978-93-82927-97-6
Author: Dr.Balraj Sihmar and Dr.Anita Sihmar
Size: 5.5 by 8.5








